लेखनी कहानी -17-Oct-2022# धारावाहिक लेखन प्रतियोगिता # त्यौहार का साथ# ईद-उल-फितर
ईद उल-फ़ित्र या ईद उल-फितर
मुस्लमान रमज़ान उल-मुबारक के एक महीने के बाद एक मज़हबी ख़ुशी का त्यौहार मनाते हैं। जिसे ईद उल-फ़ित्र कहा जाता है। ये यक्म शवाल अल-मुकर्रम्म को मनाया जाता है। ईद उल-फ़ित्र इस्लामी कैलेण्डर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। इसलामी कैलंडर के सभी महीनों की तरह यह भी नए चाँद के दिखने पर शुरू होता है। मुसलमानों का त्योहार ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है और खुदा से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं। पूरे विश्व में ईद की खुशी पूरे हर्षोल्लास से मनाई जाती है।
मुसलमानों का त्यौहार ईद रमज़ान का चांद डूबने और ईद का चांद नज़र आने पर उसके अगले दिन चांद की पहली तारीख़ को मनाया जाता है। इस्लाम में दो ईदों में से यह एक है (दुसरी ईद उल जुहा या बकरीद कहलाती है)। पहली ईद उल-फ़ितर पैगम्बर मुहम्मद ने सन 624 ईसवी में जंग-ए-बदर के बाद मनायी थी। ईद उल फित्र के अवसर पर पूरे महीने अल्लाह के मोमिन बंदे अल्लाह की इबादत करते हैं रोज़ा रखते हैं और क़ुआन करीम कुरान की तिलावत करके अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं जिसका अज्र या मजदूरी मिलने का दिन ही ईद का दिन कहलाता है जिसे उत्सव के रूप में पूरी दुनिया के मुसलमान बडे हर्ष उल्लास से मनाते हैं
उपवास की समाप्ति की खुशी के अलावा इस ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि अल्लाह ने उन्हें महीने भर के उपवास रखने की शक्ति दी। हालांकि उपवास से कभी भी मोक्ष संभव नहीं क्योंकि इसका वर्णन पवित्र धर्म ग्रन्थो में नही है। पवित्र कुरान शरीफ भी बख्बर संत से इबादत का सही तरीका लेकर पूर्ण मोक्ष प्राप्त करने के लिए सर्वशक्तिमान अल्लाह की पूजा करने का निर्देश देता है। ईद के दौरान बढ़िया खाने के अतिरिक्त नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार और दोस्तों के बीच तोहफ़ों का आदान-प्रदान होता है। सिवैया इस त्योहार का सबसे मत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ है जिसे सभी बड़े चाव से खाते हैं।
ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की प्रार्थना से पहले हर मुसलमान का फ़र्ज़ होता है कि वो दान या भिक्षा दे। इस दान को ज़कात उल-फ़ितर कहते हैं। यह दान दो किलोग्राम कोई भी प्रतिदिन खाने की चीज़ का हो सकता है, मिसाल के तौर पे, आटा, या फिर उन दो किलोग्रामों का मूल्य भी। से पहले यह ज़कात ग़रीबों में बाँटा जाता है। उपवास की समाप्ति की खुशी के अलावा इस ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि अल्लाह ने उन्हें पूरे महीने के उपवास रखने की शक्ति दी। ईद के दौरान बढ़िया खाने के अतिरिक्त नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार और दोस्तों के बीच तोहफ़ों का आदान-प्रदान होता है। सिवैया इस त्योहार की सबसे जरूरी खाद्य पदार्थ है जिसे सभी बड़े चाव से खाते हैं।
ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की प्रार्थना से पहले हर मुसलमान का फ़र्ज़ है कि वो दान या भिक्षा दे। इस दान को ज़कात उल-फ़ितर कहते हैं।
ईद उल-फितर का सबसे अहम मक्सद एक और है कि इसमें ग़रीबों को फितरा देना वाजिब है जिससे वो लोग जो ग़रीब हैं मजबूर हैं अपनी ईद मना सकें नये कपडे पहन सकें और समाज में एक दूसरे के साथ खुशियां बांट सकें फित्रा वाजिब है उनके ऊपर जो 52.50 तोला चाँदी या 7.50 तोला सोने का मालिक हो अपने और अपनी नाबालिग़ औलाद का सद्कये फित्र अदा करे जो कि ईद उल फितर की नमाज़ से पहले करना होता है।
ईद भाई चारे व आपसी मेल का तयौहार है ईद के दिन लोग एक दूसरे के दिल में प्यार बढाने और नफरत को मिटाने के लिए एक दूसरे से गले मिलते है।
उपवास की समाप्ति की खुशी के अलावा इस ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि अल्लाह ने उन्हें महीने भर के उपवास रखने की शक्ति दी। हालांकि उपवास से कभी भी मोक्ष संभव नहीं क्योंकि इसका वर्णन पवित्र धर्म ग्रन्थो में नही है। पवित्र कुरान शरीफ भी बख्बर संत से इबादत का सही तरीका लेकर पूर्ण मोक्ष प्राप्त करने के लिए सर्वशक्तिमान अल्लाह की पूजा करने का निर्देश देता है।ईद के दौरान बढ़िया खाने के अतिरिक्त नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार और दोस्तों के बीच तोहफ़ों का आदान-प्रदान होता है। सिवैया इस त्योहार का सबसे मत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ है जिसे सभी बड़े चाव से खाते हैं।
ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की प्रार्थना से पहले हर मुसलमान का फ़र्ज़ होता है कि वो दान या भिक्षा दे। इस दान को ज़कात उल-फ़ितर कहते हैं। यह दान दो किलोग्राम कोई भी प्रतिदिन खाने की चीज़ का हो सकता है, मिसाल के तौर पे, आटा, या फिर उन दो किलोग्रामों का मूल्य भी। से पहले यह ज़कात ग़रीबों में बाँटा जाता है। उपवास की समाप्ति की खुशी के अलावा इस ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि अल्लाह ने उन्हें पूरे महीने के उपवास रखने की शक्ति दी। ईद के दौरान बढ़िया खाने के अतिरिक्त नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार और दोस्तों के बीच तोहफ़ों का आदान-प्रदान होता है। सिवैया इस त्योहार की सबसे जरूरी खाद्य पदार्थ है जिसे सभी बड़े चाव से खाते हैं।
ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की प्रार्थना से पहले हर मुसलमान का फ़र्ज़ है कि वो दान या भिक्षा दे। इस दान को ज़कात उल-फ़ितर कहते हैं।
Pratikhya Priyadarshini
22-Nov-2022 12:29 AM
Very nice 👌
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Sachin dev
21-Nov-2022 04:52 PM
Nice 👌
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Gunjan Kamal
18-Nov-2022 08:50 AM
शानदार
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